-पुस्तक जय हनुमान्
-लेखक श्री हनुमानप्रसाद जी
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 34
-मूल्य 25/-
श्री हनुमान की दिव्य गाथा हमेशा भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत रही है। पुस्तक में श्री हनुमान के सोलह दिव्य खेल हैं जो पाठकों को आकर्षित करते हैं। प्रत्येक एपिसोड का अनुसरण हनुमान के रंगीन चित्रों के साथ किया जाता है।
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