30 Sept 2021

साधक संजीवनी (खण्ड-8)

 


-पुस्तक               साधक संजीवनी (खण्ड-8)

-लेखक               श्री रामसुखदास जी

-प्रकाशक            गीताप्रकासन गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या            200

-मूल्य                    /-
 
 
 
स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज ने गीतोक्त जीवन की प्रयोगशाला से दीर्घकालीन अनुसंधान द्वारा अनन्त रत्नों का प्रकाश इस टीका में उतार कर लोक-कल्याणार्थ प्रस्तुत किया है, जिससे आत्मकल्याणकामी साधक साधना के चरमोत्कर्ष को आसानी से प्राप्त कर आत्मलाभ कर सकें। इस टीका में स्वामी जी की व्याख्या विद्वत्ता-प्रदर्शन की न होकर सहज करुणा से साधकों की कल्याणकामी है। विविध आकार-प्रकार, भाषा, आकर्षक साज-सज्जा में उपलब्ध यह टीका  सद्गुरू की तरह सच्ची मार्गदर्शिका है। 

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