24 Aug 2021

संजीवनी-सुधा

 


-पुस्तक        संजीवनी-सुधा

-लेखक         स्वामी रामसुख दास जी

-प्रकाशक      गीता प्रकासन गोरखपुर

-पृष्ठसंख्या      447

-मूल्य              70/-

 

 

स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज ने गीतोक्त जीवन की प्रयोगशाला से दीर्घकालीन अनुसंधान द्वारा अनन्त रत्नों का प्रकाश इस टीका में उतार कर लोक-कल्याणार्थ प्रस्तुत किया है, जिससे आत्मकल्याणकामी साधक साधना के चरमोत्कर्ष को आसानी से प्राप्त कर आत्मलाभ कर सकें। इस टीका में स्वामी जी की व्याख्या विद्वत्ता-प्रदर्शन की न होकर सहज करुणा से साधकों की कल्याणकामी है। विविध आकार-प्रकार, भाषा, आकर्षक साज-सज्जा में उपलब्ध यह टीका सद्गुरू की तरह सच्ची मार्गदर्शिका है।

इसमे साधक-संजीवनी आयीं मुख्य मुख्य बातों का एक विशेष संग्रह है। यह साधक-संजीवनी पर आधारित है ।

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