-पुस्तक सतकथा-अङ्क (कल्याण )
-लेखक ...............
-प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर
-पृष्ठसंख्या 733
-मूल्य 230/-
जीवन में भगत्प्रेम, सेवा, त्याग, वैराग्य, सत्य, अहिंसा, विनय, प्रेम, उदारता, दानशीलता, दया, धर्म, नीति, सदाचार और शान्ति का प्रकाश भर देने वाली सरल, सुरुचिपूर्ण, सत्प्रेरणादायी छोटी-छोटी सत्कथाओं का संकलन कल्याण का यह विशेषांक सर्वदा अपने पास रखने योग्य है।
भगवत्कृपा
से कल्याण
का प्रकाशन ईस्वी सन 1926 से लगातार हो रहा है। इस पत्रिका के आद्य संपादक
नित्यलीलालीन भाईजी श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार थे। कल्याण के प्रथम
अंक में प्रकाशित संपादकीय वक्तव्य पठन सामग्री में उधृत है।
आध्यात्मिक
जगत में
कल्याण के विशेषांकों का संग्रहणीय साहित्य के रूप में प्रतिष्ठित स्थान
है। प्रतिवर्ष जनवरी माह में साधकों के लिये उपयोगी
किसी आध्यात्मिक
विषय पर केंद्रित विशेषांक प्रकाशित होता है। शेष ग्यारह महीनों में
प्रतिमाह पत्रिका प्रकाशित होती है।
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